स्कूली फिटनेस से देश होगा फिट और खेलों में हिट -
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 स्कूली फिटनेस से देश होगा फिट और खेलों में हिट

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खेल मंत्रालय ने शुरू किया ‘फिट इंडिया स्कूल सप्ताह’ कार्यक्रम का दूसरा संस्करण

राकेश थपलियाल
कोरोना संकट में बच्चों, नौजवानों और बुजुर्गों के लिए अपने शरीर को स्वस्थ रखना बड़ी चुनौती बना हुआ है। केन्द्र और राज्य सरकारें लोगों को फिट रहने के प्रति सचेत करते हुए आनलाइन फिटनेस कार्यक्रम भी चला रही हैं। फिटनेस जागरूकता अभियान में लोगों की भागीदारी भी  बढ़ती जा रही है क्योंकि डॉक्टरों की तरफ से भी  यह सलाह दी जा रही है कि कोरोना संक्रमण से बचना है तो शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए रोजाना व्यायाम करना जरूरी है। लोग अपने घरों के कमरों, आंगन और छतों में योग कर रहे हैं। आनलाइन पढ़ाई के वर्तमान दौर में स्कूली बच्चों को आनलाइन व्यायाम भी कराए जा रहे हैं। अभी कुछ ही दिन पूर्व केन्द्र सरकार के खेल मंत्रालय ने फिट इंडिया स्कूल सप्ताह के दूसरे संस्करण की शुरुआत की है। केंद्रीय खेल मंत्री श्री किरेन रीजीजू ने फिट इंडिया स्कूल सप्ताह के दूसरे संस्करण का शुभारंभ करते हुए कहा कि भारत को फिट रखने के पीछे छात्रों की प्रेरणा है।
फिट इंडिया स्कूल सप्ताह कार्यक्रम पिछले साल नवंबर में शुरू किया गया था और इसमें देश भर के 15,000 से अधिक स्कूलों ने भाग लिया था।
इस बार बच्चों को शारीरिक गतिविधि और खेल को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया क्योंकि स्कूल पहली जगह है जहां आदतें बनती हैं।
समारोह के दौरान रीजीजू ने विद्यालय जीवन में फिटनेस के महत्व के बारे में बात की और कहा ‘विद्यार्थी भारत को फिट बनाने के पीछे प्रेरक शक्ति हैं और मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि इतने सारे स्कूलों ने फिट इंडिया स्कूल सप्ताह के लिए पंजीकरण कराया है और यह संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। यह हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करता है ताकि हर भारतीय फिट हो सके क्योंकि इसके लिए ऊर्जा इन स्कूलों से ही पैदा होती है।’
फिट इंडिया मिशन की निदेशक एकता विश्नोई, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड-सीबीएसई के अध्यक्ष मनोज आहूजा और सीआईएससीई के अध्यक्ष डॉ. जी. इमैनुअल की उपस्थिति में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जेपी पब्लिक स्कूल की एक भाग्यशाली छात्रा, प्रकृति आदर्श को भी  सजीव प्रसारण सत्र के दौरान खेल मंत्री से एक सवाल पूछने का मौका दिया गया था और उसने उनके फिटनेस मंत्र के बारे में पूछा। प्रकृति ने खेल मंत्री से पूछा कि वह कैसे अपनी उम्र से कम दिखते हैं? इस पर रीजीजू ने हंसी के साथ जवाब दिया ‘मुझे लगता है कि मैं 25-30 साल का लड़का हूं और फिट रहने के लिए जो भी  आवश्यक है उसका पालन करें। आपको इसके लिए हमेशा इच्छा शक्ति और जुनून चाहिए।’
कार्यक्रम में भाग लेने के लिए स्कूलों को वेबसाइट पर अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद उन्हें फिट इंडिया स्कूल सप्ताह मनाने के लिए दिसंबर 2020 में किसी एक सप्ताह का चयन करना होगा और पंजीकरण के दौरान उनके साथ पहले से साझा की गई सूची से दैनिक गतिविधियों का संचालन करना होगा।

इस वर्ष के स्कूल सप्ताह कार्यक्रम के लिए कुछ गतिविधियां की जो योजना बनाई गई हैं, वे हैं – एरोबिक्स, पेंटिंग, क्विज / डिबेट्स, डांस और स्टेप-अप चैलेंज।
स्कूली बच्चों में फिटनेस की आदत डालने के उद्देश्य से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बीते वर्ष फिट इंडिया मूवमेंट के अंतर्गत नवंबर के दूसरे और तीसरे सप्ताह में फिटनेस सप्ताह मनाया था। फिटनेस सप्ताह का उद्देश्य स्कूली बच्चों को पेसिव स्क्रीन टाइम के स्थान पर एक्टिव फील्ड टाइम बिताने के लिए उनमें व्यवहारिक बदलाव लाना है यानि वे कंप्यूटर व मोबाइल फोन की स्क्रीन से हटकर खुले मैदान में जा सके। इस तरह के पहले प्रयास में देशभर के 22 हजार सीबीएसई स्कूलों की भागीदारी देखने को मिली।
इस पहल की सराहना करते हुए किरेन रीजीजू ने कहा था,‘ मुझे यह जानकर बेहद खुशी हुई है कि सीबीएसई ने अपने सभी  सम्बद्ध स्कूलों में फिटनेस सप्ताह मनाने का फैसला किया है। फिट इंडिया मूवमेंट, जिसकी कल्पना माननीय प्रधानमंत्री ने की, आज की जरूरत है और हमें शुरुआती उम्र से ही भारतीयों में फिटनेस की आदत डालने का हरसं•ाव प्रयास करना चाहिए।’
यह तभी तय हो गया था कि फिटनेस सप्ताह के दौरान 6 दिन के कार्यक्रम में बच्चों की शारीरिक और मानसिक फिटनेस आवश्यकताओं पर ध्यान दिया जाएगा और इसके अलावा योग जैसे शारीरिक व्यायाम और डांस, एरोबिक्स और बागबानी जैसे फिटनेस के दिलचस्प रूप शामिल है। फिटनेस में प्रत्येक राज्य के देसी खेलों जैसे गुजरात के कौड़ी, तमिलनाडु के सिलमबम (एक तरह का मार्शल आर्ट), जम्मू-कश्मीर के बेंटे, पंजाब के गुल्ली डांडा, केरल के पंबाराम को बच्चों के फिटनेस कार्यक्रम में शामिल किया गया था। चरित्र निर्माण और आफ-फील्ड तनाव प्रबंधन में खेलों के महत्व के बारे में बच्चों को जानकारी देने के लिए खेल मनोवैज्ञानिकों के व्याख्यानों को शामिल किया गया था। माता-पिता और अध्यापक एक-दूसरे के साथ और छात्रों के साथ देसी  खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे और सप्ताह के दौरान प्रत्येक स्कूल में फिटनेस गतिविधियों में भी भाग लेंगे।

सीबीएसई ने भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा विकसित किए गए खेलों इंडिया मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करते हुए 5 वर्ष से 16 वर्ष की आयु के फिटनेस स्तर का आकलन करने का निर्णय किया था। यह ऐप विभिन्न आयु वर्गों का फिटनेस परीक्षण करता है जिससे लचीलेपन, उनकी मूल ताकत और छात्रों की फुर्ती जैसे पहलुओं का पता लगाने में मदद मिलती है, इसके स्कोर के आधार पर उन छात्रों की पहचान की जा सकती है, जो पेशेवर स्तर पर खेल सकते हैं।
2019 में ही रीजीजू और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्रीय विद्यालय, दिल्ली छावनी में फिट इंडिया स्कूल रेटिंग पुस्तिका एवं फिट इंडिया फ्लैग का अनावरण किया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवंबर 2019 में अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए फिट इंडिया स्कूल रेटिंग को लॉन्च किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी स्कूलों से फिट इंडिया फ्लैग और फिट इंडिया स्टार रेटिंग के लिए नामांकन करने का आग्रह किया था। भारत में पहली बार स्कूलों के लिए फिटनेस रेटिंग को अपनाया गया और इस कार्यक्रम के तहत स्कूलों को फिट इंडिया फ्लैग और तीन स्टार या पांच स्टार की रेटिंग देने की योजना बनाई गई। यह रेटिंग शिक्षकों एवं छात्रों की चुस्ती-दुरूस्ती के स्तर, उपलब्ध अवसंरचना और फिटनेस गतिविधियों में सहभागिता के आधार पर दी जानी तय हुई थी लेकिन फरवरी-मार्च 2020 में कोरोना संकट बढ़ने के बाद हुए लॉकडाउन के कारण इसमें दिक्कतें आर्इं।
इस समय जो स्कूल ‘फिट इंडिया स्कूल सप्ताह’ कार्यक्रम से पंजीकृत नहीं भी हैं वे भी अपने विद्यार्थियों को आनलाइन व्यायाम करा रहे हैं। जिससे स्कूली बच्चों की फिटनेस बरकरार रहे और वे जीवन में स्वस्थ शरीर की महत्ता को भली भाति जान सकें । यही नहीं बड़ी संख्या में जिम और खेल अकादमियां कोविड सुरक्षा गाइडलाइन का पालन करते हुए फिटनेस अभीयान चलाए हुए हैं। ‘फिटनेस गली गली’ संगठन भी  इनमें से एक है। उसके पास सरकार से मान्यताप्राप्त ट्रेन्ड फिटनेस ट्रेनर हैं जो पूरी सतर्कता के साथ व्यायाम कराने के साथ फिटनेस के प्रति लोगों को जागरूक करने में जुटे हुए हैं।
खेल मंत्रालय के इस कार्यक्रम का एक फायदा यह भी रहेगा कि फिटनेस की उपयोगिता को जानने वाला बच्चा भविष्य में किसी  खेल में शिरकत करता है तो उसके कामयाब होने की संभावना अधिक रहेगी। इसके साथ ही उसे फिटनेस का लाभ पढ़ाई-लिखाई में भी भी मिलेगा क्योंकि इस पुरानी कहावत से भला कौन इनकार कर सकता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। (लेखक खेल टुडे पत्रिका के संपादक हैं)

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