लखनऊ लाइव: सुबह मुस्कुराए और दिनभर पसीने छुड़ाए! -

लखनऊ लाइव: सुबह मुस्कुराए और दिनभर पसीने छुड़ाए!

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राकेश थपलियाल

लखनऊ। ‘मुस्कुराइए आप लखनऊ में हैं’, उत्तर प्रदेश की राजधानी में बुधवार की सुबह बहुत खुशगवार थी, ठंडी हवा के झोंके और बारिश की एक दो बूंदों से हमारा ऐसा स्वागत हुआ कि मुस्कुराए बिना रहा नहीं जा रहा था लेकिन दस बजते ही चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी ने चेहरे से मुस्कुराहट गायब कर दी थी। मुस्कुराहट तभी चेहरे पर आई जब लखनऊ और दिल्ली के कुछ पत्रकार साथियों से होटल और बाबू बनारसी दास बैडमिंटन अकादमी में मुलाकात हुई।

तीसरे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 का आयोजन उत्तर प्रदेश के चार शहरों लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, नोएडा और दिल्ली में किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पहली बार ऐसे किसी बड़े खेल आयोजन की मेजबानी कर रहा है। देशभर से 200 विश्वविद्यालयों के 4000 कॉलेज छात्र और छात्राएं भाग ले रहे हैं।

उद्घाटन समारोह पर बारिश का साया

मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को लखनऊ में बारिश हो सकती है। उद्घाटन समारोह शाम को सात बजे से खुले स्टेडियम में होना है। सभी यही दुआ कर रहे हैं कि शाम को बारिश न हो।वरना रंग में भंग पड़ जाएगा।

मेरे एक नहीं दो एक्रिडिटेशन कार्ड बने

बहुत से पत्रकार मीडिया रूम में अपने एक्रिडिटेशन कार्ड तलाश रहे थे वहीं मुझे एक नहीं दो एक्रिडिटेशन कार्ड मिले। एक तो सुबह ही मिल गया था दूसरा दोपहर में मिल गया। यह मुस्कुराने का अच्छा मौका था। ऐसा मेरे साथ पहली बार जो हुआ था।

लंच के लिए एक्रिडिटेशन कार्ड पर बने बारकोड की स्कैनिंग

लखनऊ में बहुत कुछ पहली बार हो रहा है। बाबू बनारसी दास बैडमिंटन अकादमी में मीडिया और ब्रॉडकास्टर्स के लिए जिस जगह ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर की व्यवस्था की गई है वहां गेट पर दो वॉलिंटियर एक्रिडिटेशन कार्ड पर बने बारकोड को स्कैन करने के बाद ही अंदर जाने दे रहे थे।

कोई कमी न रह जाए

आज सुबह ज्यादा फोकस बाबू बनारसी दास बैडमिंटन अकादमी में था और शाम को सरगर्मियां बाबू बनारसी दास यूनिवर्सिटी में तेज हो गईं। राज्य के खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव,  एडिशनल सेक्रेट्री खेल डॉ नवनीत सहगल, साई के डीजी संदीप प्रधान और बाबू बनारसी दास यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट विराज सागर दास, जो स्वर्गीय डॉ अखिलेश दास गुप्ता के बेटे हैं, उद्घाटन समारोह के इंतजाम को बारीकी से देख रहे थे। सबकी कोशिश यही कि कोई कमी न रह जाए।

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