बच्चे अपने अंदर का खिलाड़ी बाहर निकालें, हम भरोसा दिलाते है कभी भी पैसों की कमी उनकी प्रतिभा के आड़े नहीं आएगी यह अरविंद केजरीवाल सरकार की जिम्मेदारी है: मनीष सिसोदिया
by Kheltoday · Published · Updated
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ईस्ट विनोद नगर खेल परिसर में मशाल जलाकर एजुकेशन जोन-2 की वार्षिक एथलीट मीट का शुभारंभ किया
पदक जीतने के बाद खिलाड़ी पर होती है पुरस्कारों की बौछार लेकिन जब खिलाड़ी मेडल जीतने के लिए ट्रेनिंग व संघर्ष कर रहा होता है तो उस समय उसकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आता। ऐसे में खिलाडियों की मदद के लिए केजरीवाल सरकार ने शुरू की ‘प्ले एंड प्रोग्रेस’ एंड मिशन एक्सीलेंस योजना, केजरीवाल सरकार देश की इकलौती ऐसी सरकार जो संघर्ष के दिनों में कोचिंग, डाइट, इक्विपमेंट आदि के लिए करती है खिलाडियों की मदद, आगे बढ़ने में पैसों की कमी को नहीं बनने देती बाधा, केजरीवाल सरकार दिल्ली में स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए विकसित कर रही शानदार स्पोर्ट्स सुविधाएं, दिल्ली के सभी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में बनाए सिंथेटिक ट्रैक व विकसित की विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स सुविधाएं- मनीष सिसोदिया, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री
खेल टुडे ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने ईस्ट विनोद नगर स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में एजुकेशन जोन-2 के वार्षिक एथलीट मीट का उद्घाटन किया तथा मशाल जलाकर एथलीट मीट का शुभारंभ किया| 3 दिन तक इस एथलीट मीट में ज़ोन-2 के विभिन्न स्कूलों के 900 से अधिक स्टूडेंट्स भाग ले रहे है| इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने एथलीट मीट में भाग ले रहे स्टूडेंट्स को प्रेरित करते हुए कहा कि यह उभरते खिलाड़ी अपनी मेहनत व प्रतिभा के दम पर आगे चलकर विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धाओं में मेडल जीतकर दिल्ली व देश को गौरवान्वित करेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्त्व में दिल्ली सरकार स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने का काम कर रही है| इसका उदाहरण ईस्ट विनोद नगर का मॉडर्न लुक लिए यह स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स है जहाँ आज से 4 साल पहले तक कंकड़ और गड्ढों से भरा एक ट्रैक हुआ करता था लेकिन खेल को बढ़ावा देने के अरविंद केजरीवाल जी के विज़न के साथ यहां अंतराष्ट्रीय स्तर का सिंथेटिक ट्रैक विकसित किया गया व अन्य बहुत सी सुविधाएं विकसित की गई| उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने न केवल ईस्ट विनोद नगर स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स बल्कि दिल्ली के सारे स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स को शानदार बनाने का काम किया है।
श्री सिसोदिया ने कहा कि हमने दिल्ली सरकार के स्कूलों को शानदार बनाने के लिए उनमें जो बदलाव किए और सुविधाएं विकसित की, वैसी ही सुविधाएं अपने खेल के मैदानों को भी शानदार बनाने की लिये विकसित की| उन्होंने कहा कि हमने स्कूलों में भी बेहतरीन खेल सुविधाएं स्थापित की| इसी का नतीजा है कि पहले दिल्ली के जिन स्कूलों को टेंट वाले स्कूल के नाम से जाना-जाता था उन्हें अब स्विमिंग पूल वाले स्कूलों के नाम से जाना जाता है।
उपमुख्यमंत्री ने एथलीट मीट में भाग ले रहे खिलाडियों को संबोधित करते हुए कहा कि, “सरकार का काम बेहतरीन सुविधाएं देना है,स्पोर्ट्स टीचर्स का काम बेहतरीन स्पोर्ट्स ट्रेनिंग देना है और बच्चों का मेहनत करके सफल होना है| और सरकार में रहते हुए अरविंद केजरीवाल जी की ओर से मैं सभी बडिंग स्पोर्ट्स पर्सन को भरोसा दिलाता हूँ कि यदि आपमें प्रतिभा है, आप राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी है तो पैसों की कमी से कभी आपको खेल में आगे बढ़ने में बाधा नहीं आएगी।
श्री सिसोदिया ने साझा किया कि, आज से 4.5 साल पहले मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब कोई खिलाड़ी ओलम्पिक, कामनवेल्थ गेम्स, एशियाई गेम्स में पदक जीतते है तो उनपर पुरस्कारों की बौछार होती है| लेकिन जब एक खिलाड़ी मेडल जीतने के लिए मेहनत कर रहा होता है, ट्रेनिंग कर रहा होता है व संघर्ष कर रहा होता है तो उस समय उसकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आता| मुख्यमंत्री जी के आदेश पर हमने इन संघर्ष कर रहे खिलाडियों के लिए एक अनोखी योजना बनाई जो देश में और कही नहीं है| ये दोनों योजनाएँ है ‘प्ले एंड प्रोग्रेस योजना’ व ‘मिशन एक्सीलेंस योजना’।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आप खेल में शानदार प्रदर्शन करे, मेहनत करें सरकार आपको आपकी कोचिंग, डाइट, इक्विपमेंट आदि का खर्च देगी| उन्होंने कहा कि बच्चे अपने अंदर का स्पोर्ट्स पर्सन बाहर निकाले हम भरोसा दिलाते है कि कभी भी उनके लिए पैसों की कमी नहीं होने देंगे, पैसों की कमी कभी भी उनकी प्रतिभा के आड़े नहीं आएगी यह हमारी जिम्मेदारी है।
उन्होंने बताया कि केजरीवाल सरकार अपने ‘प्ले एंड प्रोग्रेस योजना’ के तहत 13-14 साल के प्रतिभाशाली खिलाडियों को प्रतिवर्ष 2.5 लाख रूपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान करती है वहीँ मिशन एक्सीलेंस के तहत राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाडियों को प्रतिवर्ष 16 लाख रूपये तक की मदद दी जाती है| और आर्थिक सहायता पाने वाले इन सभी खिलाडियों को एक्सपर्ट्स की टीम द्वारा चुना जाता है।