खेलों के जरिए फिटनेस और विश्व एकजुटता का संदेश -
Bhavtegh Singh hits perfect 50 on Day 1 of Skeet qualification at ISSF World Championship Shotgun 2025. Prithviraj Yodhas join Rajputana Royals and Mighty Marathas in Archery Premier League semifinals on Day 9. Parthsarthi, Shreeniti, Mannan, and Tavish reach U-16 finals at Fenesta Open National Tennis Championship; Padma to meet Jensi in Girls’ U-14 final; Aarav faces Harsh in Boys’ U-14 title clash. Cricket Star Shreyas Iyer Turns to Bhagavad Gita for All for Focus and Resilience. Leander Paes, Mahesh Bhupathi and Sania Mirza bid big at Tennis Premier League Season 7 Auction, Sriram Balaji and Rithvik Bollipalli secure highest bids. India’s skeet shooters primed for challenge as ISSF World Championship Shotgun action begins Friday in Athens. Mighty Marathas enter Archery Premier League semi-finals, unbeaten Rajputana Royals stunned by Prithivraaj Yodhas. Keen contests in the offing in Sunday’s Vedanta Delhi Half Marathon. Rhodes and Tan take different routes to prepare as Indians bank on familiarity ahead of Women’s Indian Open. Parthsarthi, Akansha & Riddhi sail into pre-quarters of Fenesta Open National Tennis Championship. Archery Premier League: ‘Seven-star’ Rajputana Royals through to Archery Premier League semis, Kakatiya Knights almost out of the race.Meticulous arrangements for 40,500+ participants in place for Vedanta Delhi Half Marathon 2025. West Indies Cricket Legends and Corporate Leaders Tee Off at Exclusive Golf Day in Delhi. Jadeja, Siraj attain career-best positions in ICC Men’s Test Player Rankings. IGPL board meets with Union Minister for Youth Affairs and Sports Dr. Mansukh Mandaviya to discuss growth of golf in India.

खेलों के जरिए फिटनेस और विश्व एकजुटता का संदेश

Share us on
1,623 Views
राकेश थपलियाल
इस तथ्य से कोई इनकार नहीं कर सकता कि खेल न केवल देश के भीतर बल्कि विश्व स्तर पर समुदायों को एकजुट करने और लोगों को फिट रहने में मदद करता है। कोरोना संकट के बीच शरीर की फिटनेस पर काफी जोर दिया गया।यह माना गया कि फिट व्यक्ति इस बीमारी से बच  भी सकता है और बेहतर ढंग से लड़ भी सकता है। अच्छी फिटनेस और इम्यूनिटी कोरोना से संघर्ष में काफी कारगर रही है। यही वजह है कि भारत सरकार ने देश में खेल गतिविधियों को ऊपर से नीचे की तरफ शुरू किया। इसका अर्थ यह है कि सबसे ऊंचे स्तर के खिलाड़ियों को पहले अभ्यास के लिए उतारा और अब धीरे धीरे सभी प्रतिभावान खिलाड़ियों के  लिए अभ्यास शुरू करने की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं।
देश में जिम खुल चुके हैं और नियमों का पालन करते हुए फिटनेस गली और मोहल्ले के स्तर पर शुरू हो चुकी है। देश के खेल सेंटर भी शुरू किए जा रहे हैं
केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रीजीजू का जन भागीदारी के महत्व और भारत को एक स्पोर्टिंग पावरहाउस बनने में फिट इंडिया एवं खेलो इंडिया की भूमिका के बारे में कहना है कि,  ‘प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने इस आंदोलन को गति दी है जहां एक तरफ खेलो इंडिया है तो दूसरी तरफ फिट इंडिया। फिट इंडिया के माध्यम से हम जागरूकता पैदा करना चाहते हैं कि सभी को फिट रहना चाहिए। फिट इंडिया भारत को एक स्पोर्टिंग पावरहाउस बना सकता है। हमें सामूहिक भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। जब हम अपने उद्देश्यों में एकजुट हो जाएंगे तो भारत को शीर्ष पर पहुंचने से कोई भी नहीं रोक सकता। वैश्विक आबादी के मुकाबले भारत की जनसंख्या को देखने से साफ पता चलता है कि भारत के फिट होने का मतलब दुनिया का फिट होना है। खेलो इंडिया के साथ देश के हर नुक्कड़ के लोग खेल सकते हैं।’
इससे प्रभावित होकर अनेक संगठन आगे आकर कार्य कर रहे हैं। फिटनेस गली गली, आयरन बुल्स जिम और खेल टुडे ने मिलकर फिटनेस मुकाबले आयोजित किए हैं और अब लोगों को सरकार के फिट इंडिया अभियान के तहत फिट करने में जुटे हैं। कोच नवीन और रचना अपने साथियों के साथ बच्चाें, जवान और बूढ़े पुरुष व महिलाओं को जिम में ट्रेनिंग देकर अपना योगदान दे रहे हैं।
भारत में लाखों की संख्या में जिम है और लाखों लोग बतौर ट्रेनर इन जिमों से जुड़े हुए और करोड़ों लोगों को ट्रेनिंग देकर अपनी रोजी रोटी कमा रहे हैं। एक ऐसी योजना चल रही है जिससे ये ट्रेनर दुनिया के अनेक देशों में जाकर ट्रेनिंग दे सकेंगे। इससे तमाम विकसित और विकासशील देशों में फिटनेस ट्रेनरों की बढ़ती मांग पूरी हो सकेगी।
केन्द्र सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मं ाालय, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और स्पोर्ट्स,ल फिजिकल एजुकेशन फिटनेस एंड लीजर स्किल्स काउंसिल (एसपीईएफएल-एससी) ने रजिस्टर फॉर एक्सरसाइज प्रोफेशनल इंडिया फाउंडेशन (आरईपीएस इंडिया) के साथ करार किया है।
इस करार के बाद एसपीईएफएल-एससी और आरइपीएस इंडिया प्रशिक्षित भारतीय फिटनेस पेशेवरों को भारत से बाहर विकसित देशों में बेहतरीन वेतन वाली नौकरियों के लिए तैयार करेंगे।
 स्पोर्ट्स, फिजिकल एजुकेशन, फिटनेस एंड लीजर स्किल्स काउंसिल के सीओओ, तहसीन जाहिद के अनुसार, ‘ आरइपीएस इंडिया के साथ करार, दुनिया भर में योग्य भारतीय फिटनेस प्रशिक्षकों को बढ़ावा देने के लिहाज से एक एतिहासिक कदम है। भारत में आरईपीएस की एंट्री से हमारी ‘कौशल भारत’ मुहिम को और मजबूती मिलेगी।’
फिटनेस प्रशिक्षण के क्षे ा में करियर बनाने की संभावनाएं तलाश रहे भारतीय युवाओं को विदेशों में रोजगार दिलाने की दिशा में एसपीईएफएल-एससी की बड़ी भूमिका बेहद अहम है।’
भारतीय फिटनेस उद्योग, दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक है। ऐसे मे
स्पोर्ट्स, फिजिकल एजुकेशन, फिटनेस एंड लीजर स्किल्स काउंसिल के सीओओ तहसीन जाहिद ने बताया कि ‘स्किल इंडिया मिशन का जो ओवरआल टारगेट है उसमें से 2.1 मिलियन लोगों को हमें स्पोर्ट्स सेक्टर के लिए ट्रेन्ड करना है। जिस तरह मांग इंडस्ट्री से आई है। जो रिसर्च पेपर तैयार हुआ है उसके अनुसार इंडस्ट्री की मांग के हिसाब से अगले सात-आठ साल में हमें बीस लाख लोग चाहिए इंडस्ट्री में काम करने के लिए।  इसलिए जो इस काम को करने के लिए जाएगा उनके लिए क्या मानक होने चाहिएं?  उसकी क्या बेसिक क्वालिफिकेशन होनी चाहिए? अभी तक स्पोर्ट्स सेक्टर में ऐसा कुछ नहीं हुआ था।’
उन्होंने कहा, ‘अभी तक होता क्या था कि खिलाड़ी कोच बन जाता था। जो कुछ सालों से एक्सरसाइज करा रहे थे ऐसा कोई भी व्यक्ति सीखते सीखते ट्रेनर बन जाता था। अच्छी बात थी  कि काम के जरिए वह गुरु बन जाता है। उनका भी अपना अनुभव होता है लेकिन जब वह अपने काम की जगह को छोड़कर कहीं ओर जाता है तो उसे दिक्कत आती है। इसलिए हम चाहते हैं कि एक कोर्स या सर्टिफिकेट सिस्टम हम बना दें जो पूरे भारत में एक बराबरी का मानक बन जाए।’
उन्होंने कहा, ‘हम कोच और ट्रेनर को एक सर्टिफिकेट देंते है जिससे वे देश में कहीं भी कार्य कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि वे ट्रेन्ड हैं और अपने इस कार्य के बारे में जानते हैं। जैसा कि सीबीएसी का दसवीं या बारहवीं पास का सर्टिफिकेट होता है तो वह हर जगह मान्य होता है चाहे मैंने दिल्ली या मुंबई
 में पढ़ाई की हो। यही सिस्टम हमने स्किल डेवलपमेंट में भी कर दिया है।’
रजिस्टर फॉर एक्सरसाइज प्रोफेशनल ‘रेप्स’ एक संस्था है जिसका रजिस्ट्रेशन कई देशों में मान्य है। उदाहरण के लिए अगर कोई जिम ट्रेनर दुबई जाएं और नौकरी करना चाहें तो उन्हें वहां के जिम में नौकरी नहीं मिलेगी। हो सकता है कि सेक्टर स्किल काउंसिल का सर्टिफिकेट भी उनके पास हो लेकिन उन्हें फिर भी वहां नौकरी नहीं मिलेगी। वो मान्यता देते हैं रेप्स को। एसपीएफएल को मान्यता नहीं देते हैं। इसलिए रेप्स को यहां लाया गया है। यह अच्छा नहीं रहेगा कि बच्चा पहले भारत में ट्रेनिंग ले और फिर विदेश में नौकरी करने के लिए वहां पढ़ाई करे।
 रेप्स जरूरी नहीं है लेकिन अगर आप विदेश में नौकरी करना चाहते हैं तो यह आपकी मदद करेगा।
उन्होंने कहा, जो पहले से ट्रेनिंग कर रहे हैं। उनके लिए स्पोर्ट्स काउंसिल ने  एक स्कीम आरपीएल के नाम से शुरू की है। आरपीएल है रिकोगनेशन आफ  प्रायर लर्निंग।
अगर आप इस इंडस्ट्री में दो साल से कार्य कर रहे हैं तो एक वर्कशॉप आयोजित किया जाता है। इसमे ट्रेनरों को बुलाते हैं उनका एसेसमेंट करते हैं। अगर वह इसे क्वालिफाई कर लेते हैं तो उन्हें वो सर्टिफिकेट मिल जाएगा जो कोई नया बच्चा चार माह का कोर्स करने के बाद पाता है। इससे  कोई भी रेप्स का सर्टिफिकेट लेकर बहुत से देशों नौकरी कर सकते हैं, जो रेप्स को मान्यता देते हैं। फिटनेस ट्रेनर के लिए जरूरी नहीं है कि वो पीएचडी हों। उसके लिए आठवीं और दसवीं पास की शिक्षा रखी है। इसमें सिस्टम अलग है बेसिक पढ़ना लिखना आना चाहिए। कोर्स की भाषा बहुत सरल रखी गई है। कम से कम 18 वर्ष की उम्र होनी चाहिए। 35 वर्ष की उम्र तक का व्यक्ति इस कोर्स को कर सकता है।
खेल मंत्री कुछ दिन पूर्व राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय, मणिपुर और भारतीय खेल प्राधिकरण के लक्ष्मीबाई राष्‍ट्रीय शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय (एलएनसीपीई), त्रिवेंद्रम द्वारा ‘फिजिकल एजुकेशन एंड स्‍पोर्ट्स: द पावर टु यूनाइट कम्‍युनिटीज’ यानी ‘शारीरिक शिक्षा एवं खेल: समुदायों को एकजुट करने की ताकत’ विषय पर संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि थे। राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के कुलपति आरसी मिश्रा (सेवानिवृत्त आईएएस) और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिजिकल एजुकेशन (एफआईईपी), स्‍लोवाकिया के उपाध्यक्ष प्रोफेसर ब्रानिस्‍लाव एंटाला भी इस वेबिनार में शामिल हुए। इस वेबिनार में वक्ताओं ने समाज में शारीरिक शिक्षा के महत्व के बारे में बात की।
 रीजीजू ने कहा, ‘इस वेबिनार का विषय केवल शारीरिक गतिविधियों के लिए ही नहीं बल्कि समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण पैमाना है। खेल की सफलता से क्षेत्र समृद्ध होता है और पूरे समुदाय को काफी कुछ हासिल होता है। भारत में एमसी मैरीकॉम का उदाहरण है जो महिलाओं के लिए ऐसी प्रेरणा हैं। उन्होंने आठ विश्व चैंपियनशिप पदक जीते और मां बनने के बाद से चार बार। वह महिलाओं के एक बड़ी प्रेरणा हैं कि आप मातृत्व के बाद भी सफल हो सकती हैं। विश्व स्तर पर भी हमारे पास पेले जैसे खिलाड़ी हैं जिनकी सफलता ब्राजील से आगे निकल गई और पूरी दुनिया को प्रेरित किया। जेसी ओवेन्स पूरे समुदाय को सशक्त बनाने का एक बड़ा प्रतीक है। खेल की उपलब्धियां खेल के इतर कई चीजें दर्शाती हैं।’
आरसी मिश्रा ने कहा, ‘सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति को लागू करने के मद्देनजर इस वेबिनार का विषय प्रासंगिक है। शारीरिक शिक्षा और खेल को पाठ्यक्रम के एक प्रमुख भाग के रूप में शामिल किया गया है जहां इसे नियमित शिक्षा के साथ मुख्यधारा में लाया जाएगा। खेल समुदायों के सतत विकास के साथ-साथ लोगों को बीमारियों के जोखिम से बचने के लिए तंदुरुस्‍त और स्वस्थ बनने में मदद करेंगे। खेल एक स्थायी विकास संकेतक है और वह शांति एवं सहिष्णुता को बढ़ावा देता है। खेल एक टीम वर्क, फिटनेस और अनुशासन को भी बढ़ावा देता है। विश्व के नेता शांति एवं एकता को बढ़ावा देने के लिए खेल का उपयोग करते हैं।’
प्रोफेसर ब्रानिस्लाव एंटाला ने कहा, ‘भारत सरकार ने कई अच्‍छी पहल की है जैसे जून से एसएआई एलएनसीपीई द्वारा संचालित ऑनलाइन कक्षा। इस पहल का दुनिया भर के 60 शिक्षाविदों ने समर्थन किया है। मुझे उम्मीद है कि राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय भारत से काफी लोगों को प्रशिक्षित करेगा।’
पूरे देश में प्रशिक्षण फिर से शुरू होने के कारण भारतीय खेल प्राधिकरण-साई विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों में लौटने के लिए प्रशिक्षुओं के लिए यात्रा की व्यवस्था कर रहा है। टोक्यो ओलंपिक और पैरालिम्पिक्स खेलों के लक्ष्य के साथ, 1 नवंबर से देश भर के भारतीय खेल प्राधिकरण-साई प्रशिक्षण केंद्रों में खेल गतिविधियों को फिर से शुरू किया जा रहा है।
मौजूदा कोविड-19 स्थिति को देखते हुए और एथलीटों को कोरोना वायरस के संपर्क से बचाने के लिए, भारतीय खेल प्राधिकरण ने एनसीओई/साई प्रशिक्षण केंद्रों के एथलीटों को प्रशिक्षण शिविरों में शामिल होने के लिए परिवहन व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। इस वर्ष मार्च में अचानक कोरोनोवायरस के कारण सामने आई स्थिति की वजह से एथलीटों को प्रशिक्षण केंद्रों से वापस घर भेज दिया गया था। प्राधिकरण ने निर्णय लिया गया है कि जिन एथलीटों को 500 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करनी है, उन्हें हवाई टिकट प्रदान किया जाएगा। ऐसे एथलीट जो 500 किलोमीटर से कम दूरी पर हैं, उन्हें रेलगाड़ी से यात्रा करने के लिये वातानुकूलित तृतीय श्रेणी का टिकट दिया जायेगा।
इसके अलावा, साई केंद्रों में प्रशिक्षण को फिर से शुरू करने के लिए बायो-बबल तैयार करने के लिए, सभी प्रशिक्षकों और एनसीओई / एसटीसी के सहायक कर्मचारियों को आवास प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। स्थाई और अनुबंधित कर्मचारियों को सरकारी खर्चे पर आवास प्रदान किया जाएगा।
साई प्रशासन ने सभी एथलीटों और उनके माता-पिता को साई मानक संचालन प्रक्रिया के बारे में जानकारी उपलब्ध करा दी हैं, जिन्हें साई केंद्रों में शामिल होने से पहले और बाद में पालन करने की आवश्यकता होगी। अपने परिवारों के साथ दीपावली मनाने वाले एथलीटों को दीपावली के बाद साई केंद्रों में शामिल होने का विकल्प भी दिया गया है, क्योंकि एक बार बायो-बबल के संपर्क में रहने के कारण उनके स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।
खेल मंत्रालय यह चाहता है कि खेल प्रशिक्षण अब जोरों से शुरू हो जिससे हमारे खिलाड़ी अगले वर्ष होने वाले ओलंपिक में ज्यादा से ज्यादा पदक जीत कर भारत का नाम रोशन करें।
(लेखक खेल टुडे पत्रिका के संपादक हैं)

Leave a Reply

Your email address will not be published.