एक खुशनसीब हॉकी खिलाड़ी जिसकी शादी में की थी जसदेव सिंह ने कमेन्ट्री, ‘ON THE WINGS OF RADIO WAVES A Broadcaster’s Journey’ के विमोचन के दौरान हुए कई दिलचस्प खुलासे -

एक खुशनसीब हॉकी खिलाड़ी जिसकी शादी में की थी जसदेव सिंह ने कमेन्ट्री, ‘ON THE WINGS OF RADIO WAVES A Broadcaster’s Journey’ के विमोचन के दौरान हुए कई दिलचस्प खुलासे

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मेरे पिता के चाहने वाले विदेश में भी हैं इसलिए वो चाहते थे कि उनकी यह आत्मकथा अंग्रेजी में भी आए। जिससे विदेशी भी उसे पढ़ सकें। हमने उनके जीते जी भी कोशिश की थी, लेकिन तब नही हो पाया। अब देर तो हुई है पर तसल्ली है कि यह काम हो गया।  –गुरदेव सिंह

राकेश थपलियाल

नई दिल्ली। देश के सबसे मशहूर और दुनियाभर में प्रतिष्ठित कमेंटेटर स्वर्गीय जसदेव सिंह ने अनेकों बार स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, राजकीय समारोह, विभिन्न धर्मों के धार्मिक आयोजन,  राजनेताओं के अंतिम संस्कार, ओलंपिक खेल, एशियाई खेल आदि की खूब कमेंट्री की है। यह तो सभी जानते हैं, लेकिन एक दिलचस्प बात यह पता चली है कि वह एक शादी में भी कमेंट्री कर चुके हैं।

शनिवार को स्वर्गीय जसदेव सिंह द्वारा लगभग दो दशक पूर्व हिंदी में लिखित पुस्तक ‘मैं जसदेव सिंह बोल रहा हूं’ की अंग्रेजी में अनुवादित पुस्तक  “ON THE WINGS OF RADIO WAVES”  A Broadcaster’s Journey. का विमोचन राजधानी के होटल क्लेरेजिस में किया गया।  पद्मभूषण और पद्मश्री के अलावा ओलंपिक ऑर्डर से सम्मानित जसदेव सिंह के कमेंटेटर बेटे गुरदेव सिंह ने पुस्तक का अंग्रेजी में अनुवाद और संपादन किया है और इसके प्रकाशक वितास्ता हैं।

स्वर्गीय जसदेव सिंह की पत्नी श्रीमती कृष्णा के साथ मुख्य अतिथि श्री कपिल देव और खेल टुडे पत्रिका और वेबसाइट www.kheltoday.com के संपादक राकेश थपलियाल।

1975 में भारत की हॉकी वर्ल्ड कप जीत के हीरो असलम शेर खान ने बताया कि जसदेव सिंह जी ने दिल्ली में हुई उनकी शादी में कमेंट्री की थी। असलम अपनी बेगम रेहाना के साथ कार्यक्रम में आए थे। उन्होंने कहा, “हमारे यहां शादी में निकाह पढ़ा जाता है और बहुत सी रस्में होती हैं। जसदेव सिंह जी ने खूब कमेंट्री की थी। मेरे पास वो रिकॉर्ड आज भी सुरक्षित है।”

असलम शेर खान को कभी उनके विरोधी रहे हॉकी प्रशासक गुफरान ए आजम दो मिनट का खिलाड़ी कहते थे। इसके पीछे वजह यह थी कि उन्हें 1975 में वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मलयेशिया से मैच खत्म होने से चंद मिनट पहले मैदान में उतारा गया था। ऐसे में दबाव के क्षणों में उन्होंने बराबरी वाला गोल कर भारत की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी।

असलम ने कहा, ‘मुझे वर्ल्ड कप में साइडलाइन कर रखा था। जसदेव जी क्वालालम्पुर के होटल में रात को फोन कर अपने कमरे में बुलाकर मेरा मनोबल बरकरार रखने के लिए कहते थे, ‘हक वाले को हक जरूर मिलता है।’ जब मुझे मौका मिला तो मैने अपना काम कर दिया।’

असलम शेर खान ने कहा, ‘मेरी नजर में आजाद हिंदुस्तान में जो गिनती के नाम याद रखे जाएंगे उनमें जसदेव सिंह जी का नाम रहेगा। उन्हें हॉकी और हिंदुस्तान से प्यार था। उनकी कमेंट्री हिंदुस्तान को रोक देती थी। उस समय 65 करोड़ की आबादी वाला मुल्क हॉकी मैच के लिए रुक जाता था। सड़क पर टांगे वाले खड़े हो जाते थे 70 मिनट तक सबकुछ थम जाता था। हॉकी गरीबों का खेल था। जसदेव जी हिंदुस्तान के लिए बोलते थे। हॉकी मैच देखने 40 हजार लोग आते थे। जसदेव जी  हॉकी को जैसा प्रस्तुत करते थे ऐसा लगता था उनके मुंह ने मशीन लगी हुई है। 1975 में उन्होंने जो बोला था, अगर उस समय कोई बच्चा दस साल का भी रहा होगा तो उसे 47 साल बाद आज भी वो शब्द याद होंगे। लोग आज भी कहते हैं कि जसदेव जी ने यह कहा था। वह सिंपल थे, उनकी शान थी।’

इस अवसर पर बड़ी संख्या में पूर्व खिलाड़ी, पत्रकार, टीवी प्रोड्यूसर और उनके चाहने वाले मौजूद थे। इनमें पूर्व भारतीय टेस्ट कप्तान कपिल देव,  अनेक पूर्व हॉकी ओलंपियन गुरबख्श सिंह, जफर इकबाल, असलम शेर खान,  एम पी सिंह, पूर्व राजदूत जी पार्थसारथी,  कमेंटेटर डॉक्टर नरोत्तम पुरी, अनुपम गुलाटी, कुक्कू वालिया, गैस मोहम्मद, दूरदर्शन के पूर्व प्रोड्यूसर शरद दत्त, कांग्रेस नेता व बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ल, पत्रकार विनोद शर्मा, हरपाल सिंह बेदी, विजय लोकापल्ली, के वी प्रसाद, संदीप नकई और राकेश थपलियाल, प्रकाशक रेणु कौल उपस्थित थे।

सभी वक्ताओं ने माना कि यह अंग्रेजी की किताब आज के कमेंटेटरों के लिए बहुत उपयोगी रहेगी। गुरदेव सिंह के अनुसार, ‘मेरे पिता के चाहने वाले विदेश में भी हैं इसलिए वो चाहते थे कि  उनकी यह आत्मकथा अंग्रेजी में भी आए। जिससे विदेशी भी उसे पढ़ सकें। हमने उनके जीते जी भी कोशिश की थी, लेकिन तब नही हो पाया। अब देर तो हुई है पर तसल्ली है कि यह काम हो गया।’

हिंदुस्तान टाइम्स के पूर्व खेल पत्रकार अविनाश सिंह ने कार्यक्रम का संचालन भरपूर मेहनत के साथ शानदार अंदाज में अनेक पुरानी घटनाओं का जिक्र करते हुए किया।

जसदेव सिंह के परिवार से उनकी पत्नी श्रीमती कृष्णा जसदेव, बेटा गुरदेव सिंह व उनकी पत्नी कुलजीत कौर और बेटी रिचा सिंह व नातिन इराना ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए उनका आभार जताया।

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