शतरंज के पीछे छिपी भावना और इसके नियमों के मायने बहुत गहरे होते हैं: मोदी -
Delhi Chief Minister Rekha Gupta and LG Vinai Kumar Saxena to flag off the Landmark 20th Edition of Vedanta Delhi Half Marathon. APL has brought the sport to the forefront reminds me of how RRR was embraced by world cinema with heart, pride, and passion: Ram Charan. Bhavtegh Singh hits perfect 50 on Day 1 of Skeet qualification at ISSF World Championship Shotgun 2025. Prithviraj Yodhas join Rajputana Royals and Mighty Marathas in Archery Premier League semifinals on Day 9. Parthsarthi, Shreeniti, Mannan, and Tavish reach U-16 finals at Fenesta Open National Tennis Championship; Padma to meet Jensi in Girls’ U-14 final; Aarav faces Harsh in Boys’ U-14 title clash. Cricket Star Shreyas Iyer Turns to Bhagavad Gita for All for Focus and Resilience. Leander Paes, Mahesh Bhupathi and Sania Mirza bid big at Tennis Premier League Season 7 Auction, Sriram Balaji and Rithvik Bollipalli secure highest bids. India’s skeet shooters primed for challenge as ISSF World Championship Shotgun action begins Friday in Athens. Mighty Marathas enter Archery Premier League semi-finals, unbeaten Rajputana Royals stunned by Prithivraaj Yodhas. Keen contests in the offing in Sunday’s Vedanta Delhi Half Marathon. Rhodes and Tan take different routes to prepare as Indians bank on familiarity ahead of Women’s Indian Open. Parthsarthi, Akansha & Riddhi sail into pre-quarters of Fenesta Open National Tennis Championship. Archery Premier League: ‘Seven-star’ Rajputana Royals through to Archery Premier League semis, Kakatiya Knights almost out of the race.Meticulous arrangements for 40,500+ participants in place for Vedanta Delhi Half Marathon 2025. West Indies Cricket Legends and Corporate Leaders Tee Off at Exclusive Golf Day in Delhi. Jadeja, Siraj attain career-best positions in ICC Men’s Test Player Rankings. IGPL board meets with Union Minister for Youth Affairs and Sports Dr. Mansukh Mandaviya to discuss growth of golf in India.

शतरंज के पीछे छिपी भावना और इसके नियमों के मायने बहुत गहरे होते हैं: मोदी

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44वें चेस ओलंपियाड के लिए टॉर्च रिले के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण का मूलपाठ।

नरेन्द्र मोदी

(भारत के प्रधान मंत्री)

चेस ओलंपियाड के इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथीगण, इंटरनेशनल चेस फेडरेशन के प्रेसिडेंट आरकेडी डवोरकोविच, ऑल इंडिया चेस फ़ेडरेशन के प्रेसिडेंट, विभिन्न देशों के Ambassadors, High Commissioners, चेस और अन्य खेलों से जुड़ी संस्थाओं के प्रतिनिधिगण, राज्य सरकारों के प्रतिनिधिगण, अन्य सभी महानुभाव, चेस ओलंपियाड टीम के सदस्य और चेस के अन्य खिलाड़ीगण, देवियों और सज्जनों!

आज चेस ओलंपियाड गेम्स के लिए पहली टॉर्च रिले भारत से शुरू हो रही है। इस साल पहली बार भारत चेस ओलंपियाड गेम्स को host भी करने जा रहा है। हमें गर्व है कि एक Sports, अपने जन्मस्थान से निकलकर पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहा है, अनेक देशों के लिए एक passion बन गया है। हमें खुशी है कि Chess, इतने बड़े इंटरनेशनल इवेंट के रूप में अपने जन्मस्थान में फिर एक बार आकर के सेलीब्रेट किया जा रहा है।

भारत से सदियों पहले चतुरंग के रूप में इस स्पोर्ट्स की मशाल पूरी दुनिया में गई थी। आज शतरंज की पहली Olympiad मशाल भी भारत से निकल रही है। आज जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष मना रहा है, अमृत महोत्सव मना रहा है, तो ये चेस ओलंपियाड ये मशाल भी देश के 75 शहरों में जाएगी। मुझे इंटरनेशनल चेस फेडरेशन-फिडे, उनके इस फैसले पर बहुत खुशी है। फिडे ने ये भी तय किया है कि प्रत्येक चेस ओलंपियाड गेम्स के लिए टॉर्च रिले भारत से ही शुरू हुआ करेगी। ये सम्मान न केवल भारत का सम्मान है, बल्कि शतरंज की इस गौरवशाली विरासत का भी सम्मान है। मैं इसके लिए फिडे और इसके सभी सदस्यों का अभिनंदन करता हूँ। मैं 44वें Chess Olympiad में भाग ले रहे सभी खिलाड़ियों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए अनेक–अनेक शुभकामनाएं भी देता हूँ। आपमें से जो भी इस खेल में जीतेगा, आपकी ये जीत sportsmanship की जीत होगी। महाबलीपुरम में जमकर खेलिएगा, खेल के जज्बे को सर्वोपरि रखते हुए खेलिएगा।

साथियों,

हजारों सालों से दुनिया के लिए ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ इसका मंत्र गूंज रहा है। यानी, हम अंधकार से प्रकाश की ओर निरंतर बढ़ते रहें। प्रकाश यानि, मानवता का बेहतर भविष्य। प्रकाश यानि, सुखी और स्वस्थ जीवन। प्रकाश यानि, हर क्षेत्र में सामर्थ्य बढ़ाने के लिए प्रयास और इसीलिए, भारत ने एक ओर मैथ्स, साइन्स और एस्ट्रॉनॉमी जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान किए, तो वहीं आयुर्वेद, योग और खेलों को जीवन का हिस्सा बनाया। भारत में कुश्ती और कबड्डी, मल्लखंब ऐसे खेलों के आयोजन होते थे, ताकि हम स्वस्थ शरीर के साथ सामर्थ्यवान युवा पीढ़ी को तैयार कर सकें। वहीं, analytical और problem solving brains के लिए हमारे पूर्वजों ने चतुरंग या शतरंज जैसे खेलों का आविष्कार किया। भारत से होते हुए शतरंज, दुनिया के अनेक देशों तक पहुंचा और खूब लोकप्रिय हुआ। आज स्कूलों में चेस युवाओं के लिए, बच्चों के लिए एक एजुकेशन टूल के रूप में भी इस्तेमाल हो रहा है। शतरंज सीखने वाले युवा अलग-अलग क्षेत्रों में problems solvers बन रहे हैं। चतुरंग की बिसात से लेकर से लेकर कम्प्यूटर पर खेले जा रहे डिजिटल चेस तक, भारत हर कदम पर शतरंज की इस लंबी यात्रा का साक्षी रहा है। भारत ने इस खेल को नीलकंठ वैद्यनाथ, लाला राजा बाबू और तिरुवेंगदाचार्य शास्त्री जैसे महान खिलाड़ी दिये हैं। आज भी, हमारे सामने उपस्थित विश्वनाथन आनंद जी, कोनेरू हम्पी, विदित, दिव्या देशमुख जैसी अनेक प्रतिभाएं शतरंज में हमारे तिरंगे का सम्मान बढ़ा रही हैं। अभी मैंने कोनेरू हम्पी जी के साथ चेस में सेरेमोनियल मूव का भी दिलचस्प अनुभव लिया है।

साथियों,

मुझे ये देखकर अच्छा लगता है कि बीते 7-8 वर्षों में भारत ने शतरंज में अपना प्रदर्शन लगातार बेहतर किया है। 41वें Chess Olympiad में भारत ने bronze के रूप में अपना पहला मेडल जीता था। 2020 और 2021 के वर्चुअल chess Olympiad में भारत ने गोल्ड और bronze भी जीता है। इस बार तो अब तक की तुलना में हमारे सबसे ज्यादा खिलाड़ी Chess Olympiad में शामिल हो रहे हैं। इसलिए, मुझे आशा है कि इस बार भारत मेडल्स के नए रिकॉर्ड बनाएगा। जैसी मेरी आशा है आप सबकी भी है ना?

साथियों,

मैं शतरंज का बहुत जानकार तो नहीं हूं, लेकिन इतनी समझ है कि शतरंज के पीछे छिपी भावना और इसके नियमों के मायने बहुत गहरे होते हैं। जैसे शतरंज के हर मोहरे की अपनी यूनिक ताकत होती है, उसकी यूनिक क्षमता होती है। अगर आपने एक मोहरे को लेकर सही चाल चल दी, उसकी ताकत का सही इस्तेमाल कर लिया तो वो सबसे शक्तिशाली बन जाता है। यहां तक कि एक प्यादा यानि जिसे सबसे कमजोर माना जाता है, वो भी सबसे ताकतवर मोहरा बन सकता है। जरूरत है तो सतर्कता के साथ सिर्फ सही चाल चलने की, सही कदम उठाने की। फिर वो प्यादा या सिपाही चेसबोर्ड पर हाथी, ऊंट या वजीर की ताकत भी हासिल कर लेता है।

 

साथियों,

चेसबोर्ड की यही खासियत हमें जीवन का बड़ा संदेश देती है। सही सपोर्ट और सही माहौल दिया जाए तो कमजोर से कमजोर के लिए भी कोई लक्ष्य असंभव नहीं होता। कोई कैसी भी पृष्ठभूमि से हो, कितनी ही मुश्किलों से आया हो, पहला कदम उठाते समय अगर उसे सही मदद मिल जाए, तो वो शक्तिशाली बनकर मनचाहे नतीजे ला सकता है।

 

साथियों,

शतरंज के खेल की एक और बड़ी खासियत होती है- दूरदृष्टि। शतरंज हमें बताता है कि शॉर्ट टर्म सक्सेस के बजाय दूर की सोच रखने वालों को ही असली कामयाबी मिलती है। अगर मैं आज भारत की स्पोर्ट्स पॉलिसी की बात करूं तो खेल के क्षेत्र में TOPS यानी टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम और खेलो इंडिया जैसी योजनाएं इसी सोच के साथ काम कर रही हैं, और इसके नतीजे भी हम लगातार देख रहे हैं। नए भारत का युवा आज शतरंज के साथ हर खेल में कमाल कर रहा है। पिछले कुछ समय में ही हमने Olympics, Paralympics और Deafalympics ऐसे बड़े ग्लोबल स्पोर्ट्स इवेंट्स को देखा है। भारत के खिलाड़ियों ने इन सभी आयोजनों में शानदार प्रदर्शन किया, पुराने रिकॉर्ड तोड़े, और नए रिकॉर्ड बनाए। टोक्यो Olympics में हमने पहली बार 7 मेडल्स जीते, Paralympics में पहली बार 19 मेडल्स जीते। हाल ही में भारत ने एक और सफलता हासिल की है। हमने सात दशकों में पहली बार थॉमस कप जीता है। World Championship में हमारी तीन महिला बॉक्सर्स ने गोल्ड और bronze जीते हैं। ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने कुछ दिन पहले ही एक और इंटरनेशनल मेडल जीता है, एक नया नेशनल रिकॉर्ड बना दिया है। हम अंदाजा लगा सकते हैं, आज भारत की तैयारियों की स्पीड क्या है, भारत के युवाओं का जोश क्या है! अब हम 2024 Paris Olympics और 2028 के Los Angeles Olympics को target करके काम कर रहे हैं। TOPS स्कीम के तहत इस समय सैकड़ों खिलाड़ियों को support किया जा रहा है। जिस तरह भारत आज खेल की दुनिया में एक नई ताकत बनकर उभर रहा है, वैसे ही भारत के खिलाड़ी भी खेल जगत में एक नई पहचान बना रहे हैं, और इसमें सबसे खास ये है कि देश के छोटे शहरों के युवा, खेल की दुनिया में अपना परचम लहराने के लिए आगे आ रहे हैं।

साथियों,

प्रतिभा जब सही अवसरों से जुड़ती है, तो सफलता के शिखर खुद झुककर स्वागत करते हैं। और हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। देश के युवाओं में साहस, समर्पण और सामर्थ्य की कमी नहीं है। पहले हमारे इन युवाओं को सही प्लेटफ़ार्म के लिए इंतज़ार करना पड़ता था। आज ‘खेलो इंडिया’ अभियान के तहत देश इन प्रतिभाओं को खुद तलाश भी रहा है, तराश भी रहा है। आज देश के दूर-दराज इलाकों से, गांवों-कस्बों से, आदिवासी क्षेत्रों से हजारों युवाओं को ‘खेलो इंडिया’ अभियान के तहत select किया गया है। देश के अलग-अलग राज्यों और जिलों में आधुनिक स्पोर्ट्स इनफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा है। देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी स्पोर्ट्स को दूसरे विषयों की तरह ही प्राथमिकता दी गई है। स्पोर्ट्स की दुनिया में युवाओं के लिए खेलने के अलावा भी कई नए अवसर खुल रहे हैं। स्पोर्ट्स साइंस, स्पोर्ट्स फिजियो, स्पोर्ट्स Research ऐसे कितने ही नए आयाम जुड़ रहे हैं। देश में कई स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटीज भी खोली जा रही हैं, ताकि आपके करियर बनाने में मदद मिल सके।

साथियों,

आप सभी खिलाड़ी जब खेल के मैदान या कह लीजिए किसी टेबल या चेसबोर्ड के सामने होते हैं तो वो केवल अपनी जीत के लिए नहीं, बल्कि अपने देश के लिए खेलते हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि करोड़ों लोगों की अपेक्षाओं आकांक्षाओं का दबाव भी आपके ऊपर रहता है। लेकिन, मैं चाहूँगा कि आप ये जरूर ध्यान रखें कि देश आपकी मेहनत और लगन को देखता है। आपको अपना शत-प्रतिशत देना है। आप अपना शत-प्रतिशत दीजिये, लेकिन ज़ीरो प्रतिशत तनाव के साथ, टेंशन फ्री। जितना जीत खेल का हिस्सा है, उतना ही फिर से जीतने के लिए मेहनत करना भी खेल का हिस्सा है। शतरंज के खेल में तो एक चूक से खेल पलटने की आशंका रहती है। लेकिन, ये शतरंज ही है, जहां हारी हुई बाजी को भी दिमाग के एक फैसले से आप पलट सकते हैं। इसलिए, इस खेल में आप जितना शांत रहेंगे, जितना अपने मन को नियंत्रण में रखेंगे, उतना ही आप बेहतर perform करेंगे। इस काम में योग और meditation आपकी काफी मदद कर सकता है। अभी परसो यानि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भी है। मैं चाहूँगा कि आप योग को अपने जीवन का नित्य हिस्सा बनाने के साथ ही योग दिवस का भी बढ़-चढ़कर प्रचार करें। इससे, आप करोड़ों और लोगों को भी दिशा दिखा सकते हैं। मुझे पूरा भरोसा है, आप सभी इसी निष्ठा के साथ खेल के मैदान में उतरेंगे, और अपने देश का गौरव बढ़ाएँगे। आप सभी को एक बार फिर मुझे ये यादगार मौका देने के लिए मैं बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। फिर एक बार खेल जगत को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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