रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने जीता इंडोनेशियाई ओपन, सुपर 1000 खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने -

रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने जीता इंडोनेशियाई ओपन, सुपर 1000 खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने

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भारतीय जोड़ीदारों ने आरोन चिया और वूई यिक सोह की विश्व चैंपियन मलेशियाई जोड़ी को 21-17, 21-18 से हराकर एक बार फिर इतिहास रचा

खेल टुडे ब्यूरो 

नई दिल्ली: सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की भारत की पुरुष युगल बैडमिंटन जोड़ी ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। इस जोड़ी ने रविवार को जकार्ता में खेले गए इंडोनेशियाई ओपन के फाइनल में हारून चिया और वूई यिक सोह की दूसरी वरीयता प्राप्त मलेशियाई जोड़ी को 21-17, 21-18 से हराकर न सिर्फ चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया बल्कि बीडब्ल्यूएफ सुपर 1000 वर्ल्ड टूर खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने।

दुनिया की छठे नंबर की भारतीय जोड़ी को पिछले आठ मौकों पर मलेशियाई जोड़ी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन जब इनकी बारी आई तो इन दोनों ने सीधे इतिहास रचने वाली जीत दर्ज की। हाल ही में इन दोनों ने ऐतिहासिक एशियाई चैम्पियनशिप खिताब जीता था। इस सप्ताह वे जिस तरह का बैडमिंटन खेल रहे थे, उसे देखते हुए उनके साथ-साथ भारत भर के बैडमिंटन फैंस को कुछ अलग कर गुजरने की उम्मीद थी।

आरोन चिया और वूई यिक सोह भी मौजूदा विश्व चैंपियन हैं। हालांकि भारतीयों ने उनके लिए जो रणनीति बनाई थी वे उसका मुकाबला नहीं कर सके।

मैच के बाद चिराग शेट्टी, ‘उनके खिलाफ पहले के आठ मैचों में हम खुद को रोके रखते थे, लेकिन आज हम अपनी योजना पर कायम रहे और उसी के अनुसार खेले। हमें लगा कि वे भी इंसान हैं, खिलाड़ी हैं और उनसे भी गलतियां होंगी। हम अंत तक अपनी योजना पर टिके रहे और वास्तव में उन्हें कभी भी वापसी का मौका नहीं दिया।”

चिराग शेट्टी ने आगे कहा, “दूसरे गेम में जब उन्होंने कुछ अंक हासिल किए, तो भी हमने खुद को रोकने या फिर सेफ खेलने की ज़रूरत नहीं महसूस की। इससे गेम थोड़ा स्लो हो जाता। ये ऐसे खिलाड़ी हैं जो मौकों का फायदा उठाना जानते हैं। मैं वास्तव में खुश हूं और हमें वास्तव में इस जीत की जरूरत थी।”

पहले गेम में, मलेशियाई जोड़ीदारों ने शुरुआत में ही बढ़त बना ली और इसे तब तक बनाए रखा जब तक कि भारतीयों ने 7-7 की बराबरी नहीं कर ली। और एक बार जब रैंकीरेड्डी और शेट्टी ने लीड ले ली तो फिर चिया और सोह उस स्कोर की बराबरी करने के प्रयास में जुट गए लेकिन तब तक रैंकीरेड्डी और शेट्टी ने इतना कुशन हासिल कर लिया था कि दोनों ने यह गेम 21-17 से जीत ली।

दूसरे गेम में, मलेशियाई खिलाड़ियों ने शुरुआती पलों में कुछ प्रतिरोध के साथ वापसी का प्रयास किया लेकिन रैंकीरेड्डी और चिराग भारत का पहला सुपर 1000 वर्ल्ड टूर खिताब जीतकर इतिहास रचने के लिए प्रतिबद्ध दिखे और इसे कर भी दिखाया।

रैंकीरेड्डी ने कहा, “पिछले कुछ टूर्नामेंट्स से मुझे खिताबी जीत की अधिक भूख महसूस हो रही थी। हमने यह टूर्नामेंट जीत लिया है, और अगले हफ्ते हमारे पास एक और बड़ा टूर्नामेंट है। हम वापस जाएंगे और रीसेट करेंगे। लेकिन हम जिस तरह से खेले, उसे लेकर मैं अभी भी बहुत खुश हूं। यह एक नए दिन की तरह लग रहा था। नए विरोधियों का सामना हो रहा था। हम आमने-सामने की लड़ाई में 8-0 से पिछड़ रहे थे, लेकिन मैं इस बारे में ज्यादा नहीं सोच रहा था। मैंने मन ही मन सोचा कि यह फाइनल है और दोनों टीमें दबाव में हैं और अगर हम अच्छा खेलेंगे तो हम ही जीतेंगे। पहले गेम में स्ट्राइक मिलने पर हम कंट्रोल में थे। मैंने खुद से कहा कि यह हमारा दिन है- घबराओ मत और यह समझकर खेलो कि तुम कोई और फाइनल खेल रहे हो।”

भारतीय बैडमिंटन संघ के महासचिव संजय मिश्रा ने कहा, “यह ऐतिहासिक और भारत के लिए एक शानदार जीत है। सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी देश को लगातार गौरवान्वित कर रहे हैं। और यह जीत इस बात का भी प्रमाण है कि भारतीय बैडमिंटन विश्व स्तर पर कितनी तेजी से डबल्स की सीढ़ियां चढ़ रहा है। मैं कोच औऱ सहयोगी स्टाफ की भी तारीफ करना चाहूंगा, जिनकी देखरेख में इस तरह के शानदार परफार्मेंस लगातार देखने को मिल रहे हैं। ”

इस टूर्नामेंट से पहले कोई भी भारतीय जोड़ी बीडब्ल्यूएफ सुपर 1000 वर्ल्ड टूर इवेंट में सेमीफाइनल से आगे नहीं जा पाई थी।

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