जब ‘क्रिकेट के देवता’ सचिन तेंदुलकर के लिए क्रिकेट स्टेडियम के अंदर हॉल के कपाट नहीं खोले गए थे ! -
एआरएसडी कॉलेज ने स्वामी दयानंद सरस्वती डे-नाइट टी-20 इंटर कॉलेज पीजीडीएवी (सांध्य) को तीन विकेट से हराया। India women go down to China, finish second in Group A. Rohit to lead India in ICC Men’s T20 World Cup 2024, Rishabh Pant and Sanju Samson are back. India Squad: Rohit Sharma (Captain), Hardik Pandya (Vice Captain), Yashasvi Jaiswal, Virat Kohli, Suryakumar Yadav, Rishabh Pant (WK), Sanju Samson (WK), Shivam Dube, Ravindra Jadeja, Axar Patel, Kuldeep Yadav, Yuzvendra Chahal, Arshdeep Singh, Jasprit Bumrah, Mohd. Siraj. Reserves – Shubman Gill, Rinku Singh, Khaleel Ahmed and Avesh Khan. .पीजीडीएवी ए टीम ने दूसरे स्वामी दयानंद सरस्वती डे-नाइट टी-20 इंटर कॉलेज क्रिकेट टूर्नामेंट में सेंट स्टीफंस कॉलेज को दस विकेट से हराया। Rory and Lowry win in New Orleans. Muthoot Finance to sponsor Royal Football Club for Delhi Soccer Association league 2023-24 . वीरेंद्र नानावटी को एशिया एक्वेटिक्स के पहले उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया। Diksha shoots under par to finish in Top-25 in South African Women’s Open . श्रेष्ठ यादव के तूफानी शतक से पीजीडीएवी कॉलेज 233 रनों से जीता।

जब ‘क्रिकेट के देवता’ सचिन तेंदुलकर के लिए क्रिकेट स्टेडियम के अंदर हॉल के कपाट नहीं खोले गए थे !

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सचिन तेंदुलकर के जन्मदिवस पर विशेष

राकेश थपलियाल

इंडियन प्रीमियर लीग
सीजन-2, 2009 के
दौरान दक्षिण अफ्रीका के
छोटे से शहर ईस्ट लंदन
में मैंने अपनी आंखों से
सचिन तेंदुलकर से जुड़ा
वो नजारा देखा जिसकी
कल्पना भी कोई क्रिकेट
प्रेमी नहीं कर सकता है। हम उस देश के वासी
हैं जहां भक्त देवताओं के दर्शन के लिए मंदिर
के कपाट खुलने का महीनों इंतजार करते हैं।
लेकिन ‘क्रिकेट के देवता’ के लिए क्रिकेट
स्टेडियम के अंदर एक हॉल के कपाट नहीं
खोले गए थे।
दरअसल हुआ यह कि मुंबई इंडियंस ने
कोलकाता नाइट राइडर्स को मैच में हराया।
दोनों कप्तानों सचिन तेंदुलकर और ब्रेंडन
मैकुलम को मीडिया से बात करने के लिए
कांफ्रेंस हॉल में आना था जो दूसरी मंजिल
पर था। इसमें जाने के दो रास्ते थे। एक मुख्य
द्वार और एक पीछे की तरफ बनी मचान की
तरफ से। तब के मेरे अखबार हिन्दुस्तान में खबर भेजने
की डेडलाइन कुछ जल्दी थी, इसलिए मैं मैच
रिपोर्ट भेजने के बाद तेजी से पिछले दरवाजे
से कांफ्रेंस हॉल में जाने के लिए लपका।
कुछ कदम चलने के बाद मैंने देखा कि
मेरे आगे-आगे सचिन भी तेजी से बढ़ रहे
हैं। सचिन ने हॉल के बंद दरवाजे को धीरे से
खटखटाया। एक अश्वेत कर्मचारी ने हल्का
सा दरवाजा खोला तो सचिन के साथ मैं भी
अंदर जाने के लिए लपका, लेकिन तभी उस
कर्मचारी ने सचिन की तरफ मुखातिब होते
हुए कहा, ‘ब्रेंडन हैज स्टार्टिड द कांफ्रेंस,
यू विल हैव तो वेट फॉर एटलीस्ट फिफ्टीन
मिनट।’ (बे्रंडन ने कांफ्रेंस शुरू कर दी है
और आपको पन्द्रह मिनट इंतजार करना
होगा।) इतना कहने के साथ ही उस अश्वेत
कर्मचारी ने कुछ इंच दूर खड़े तेंदुलकर की
परवाह किए बिना दरवाजे को बंद कर अंदर
से ताला भी लगा दिया। ‘क्रिकेट के देवता’
का इस तरह अपमान होते देखकर मुझे बहुत
तेज गुस्सा आया और मैंने दरवाजे को जोर
से पीटकर हो हल्ले के साथ विरोध दर्ज
कराने का मन बनाया। कुछ दिन पूर्व डरबन
शहर में कांफ्रेंस के लिए देरी से पहुंचने पर
मेरे साथ भी ठीक ऐसा ही व्यवहार हो चुका
था। क्रिकेट स्टेडियम के अंदर सचिन के
साथ ऐसा होते देखकर चुप रहना मेरा लिए
मुश्किल हो रहा था। लेकिन जैसे ही मैंने
सचिन की तरफ देखा तो उनके चेहरे पर
गुस्सा नहीं बल्कि मायूसी का भाव था और
लगा मानो वह कह रहे हों, ‘कोई बात नहीं,
इंतजार कर लेते हैं।’ ऐसे में हम दोनों उस
मचान पर खड़े बातचीत करने लगे और मैं
एक विशेष साक्षात्कार लेने में सफल रहा।
जैसे ही मैकुलम की कांफ्रेंस खत्म हुई और
हॉल का दरवाजा खोला गया तो वहां बैठे
सभी पत्रकारों ने मुझे सचिन से बातचीत करते
हुए देखा तो वे दंग रह गए। वहां मौजूद देश-
विदेश के पत्रकार मुंबई इंडियंस के मीडिया
मैनेजर से खासे नाराज हो गए थे।
उन्होंने शिकायत की कि ‘हम कितने दिनों से
अनुरोध कर रहे हैं लेकिन आपने हमें समय
नहीं दिलाया।’ ऐसे में उन्हें जवाब मिला कि,
‘अगर तेंदुलकर खुद ब खुद किसी से बात
करते हैं तो हम उन्हें भला कैसे रोक सकते
हैं। राकेश थपलियाल के साथ सचिन का
साक्षात्कार हमारे जरिए तय नहीं हुआ था।’
मैं दिल्ली का हूं इसलिए सचिन ने मुझसे
दिल्ली की एक महिला पत्रकार का हालचाल
पूछा और वह स्टेडियम में किसी को तलाशते
हुए से दिखाई दिए। मेरे पूछने पर सचिन ने
कहा, ‘मैं अर्जुन को ढूंढ रहा हूं।’ इस पर
मैंने उन्हें बताया कि अर्जुन को दर्शकोंं के
बीच घूमते हुए देखा था। यह सुनकर सचिन
ने कहा, ‘दरअसल मेरे परिवार को आज रात
श्रीमति नीता अंबानी के साथ मुंबई वापस
जाना है। मैं अर्जुन को लेकर जल्दी से होटल
पहुंचना चाहता हूं क्योंकि मैं नहीं चाहता कि
मेरे परिवार की वजह से श्रीमति अंबानी को
इंतजार करना पड़े। इसीलिए मैं चाहता था
कि प्रेस कांफ्रेंस में पहले पहुंचकर जल्दी फ्री
हो जाऊं।’ सचिन के ये विचार इस बात को
दर्शाते हैं कि वह कितने संवेदनशील हैं।

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