खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ पर लगा निलंबन वापस लिया -

खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ पर लगा निलंबन वापस लिया

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खेल मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया  ने कहा, हाई कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार भारतीय कुश्ती महासंघ की मान्यता फिर से बहाल की गई है। जिससे पहलवानों के साथ अन्याय न हो।कुछ शर्तें भी भारतीय कुश्ती महासंघ के समक्ष रखी गईं हैं, जो उन्हें पूरी करनी होंगी।

राकेश थपलियाल

नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ पर लगा निलंबन वापस ले लिया है। जिससे संगठन को घरेलू टूर्नामेंट आयोजित करने और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिए राष्ट्रीय टीमों का चयन करने की अनुमति मिल गई।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए खेल मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने कहा, “निलंबन की वजह से भारत के पहलवान एशियन चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले सकते थे। इससे वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी भाग नहीं ले सकते थे और ओलंपिक में भी नहीं जा पाते। इसलिए हाई कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार मान्यता फिर बहाल की गई है। जिससे पहलवानों के साथ अन्याय न हो।कुछ शर्तें भी भारतीय कुश्ती महासंघ के समक्ष रखी गईं हैं।जो उन्हें पूरी करनी होंगी।”

“स्पॉट सत्यापन समिति के निष्कर्षों, डब्ल्यूएफआई द्वारा किए गए अनुपालन उपायों और भारतीय खेलों और एथलीटों के व्यापक हित में, युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा दिनांक 15 मार्च 2014 के आदेश द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निलंबन को रद्द किया जाता है। निदेशक (खेल) बंगाराजू वी.वी.के.के. थाटावर्ती द्वारा हस्ताक्षरित मंत्रालय के पत्र में कहा गया है, “24.12.2023 को इसे मंजूरी दे दी गई थी और तत्काल प्रभाव से कुश्ती के लिए राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के रूप में इसकी  मान्यता बहाल की गई है…” खेल मंत्रालय ने अंडर 15 और अंडर 20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित करने की घोषणा के कारण चुनाव के तीन दिन बाद संजय सिंह के नेतृत्व वाली नई डब्ल्यूएफआई संस्था को निलंबित कर दिया था और आईओए से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के संचालन की देखरेख के लिए एक अस्थायी पैनल स्थापित करने को कहा था।” 21 दिसंबर, 2023 को, जिस दिन सिंह ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष की भूमिका संभाली, उन्होंने घोषणा की कि अंडर-15 और अंडर-20 श्रेणियों में कुश्ती के लिए राष्ट्रीय ट्रायल उत्तर प्रदेश के गोंडा में आयोजित किए जाएंगे। निलंबन के कारण भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा गठित तदर्थ समिति का गठन किया गया, जो डब्ल्यूएफआई के दिन-प्रतिदिन के संचालन की देखरेख करेगी। मंत्रालय ने अपने पत्र में महासंघों को चलाने के निर्देशों का भी उल्लेख किया है। “डब्ल्यूएफआई को निलंबन अवधि के दौरान किए गए संशोधनों को वापस लेना चाहिए और नामित पदाधिकारियों के बीच शक्ति का संतुलन रखना चाहिए तथा निर्णय लेने की प्रक्रिया में नियंत्रण और संतुलन प्रदान करना चाहिए और यह प्रक्रिया 4 सप्ताह में पूरी होनी चाहिए। “कोई भी व्यक्ति जो पदाधिकारी के रूप में निर्वाचित नहीं है, साथ ही डब्ल्यूएफआई के निलंबित/समाप्त वेतनभोगी अधिकारियों को महासंघ और इसकी संबद्ध इकाइयों से पूरी तरह से अलग रहना चाहिए। डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी समिति को 4 सप्ताह के भीतर इस संबंध में एक वचन देना चाहिए। वचन का कोई भी उल्लंघन उचित कानूनी कार्रवाई को आमंत्रित करेगा, जिसमें खेल संहिता के तहत कार्रवाई भी शामिल है।” पत्र में कहा गया है, “डब्ल्यूएफआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए चयन खेल संहिता के मौजूदा प्रावधानों और इस संबंध में जारी किए गए अन्य नवीनतम निर्देशों के साथ-साथ यूडब्ल्यूडब्ल्यू द्वारा समय-समय पर जारी किए गए नियमों के अनुसार स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से किया जाना चाहिए।”

निलंबन क्यों लगाया गया था?

24 दिसंबर 2023 को मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की नवनिर्वाचित Executive Committee को निलंबित कर दिया था। यह निर्णय governance issues और procedural lapses के कारण लिया गया।

मंत्रालय ने IOA को WFI के संचालन, खिलाड़ियों के चयन और प्रतियोगिताओं में भागीदारी के लिए एक नई अस्थायी समिति गठित करने के लिए कहा।

IOA की भूमिका और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

IOA ने 27 दिसंबर 2023 को WFI का कार्यभार संभालने के लिए एक Ad-hoc Committee गठित की।

13 फरवरी 2024 को यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने WFI से अपना निलंबन हटा लिया और यह शर्तें रखीं:

1 जुलाई 2024 तक Athlete Commission का चुनाव किया जाए।

चयन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो और सभी खिलाड़ियों को समान अवसर मिले।

UWW द्वारा निलंबन हटाने के निर्णय के बाद IOA ने 18 मार्च 2024 को अस्थायी समिति को भंग कर दिया।

निलंबन हटाने की प्रक्रिया में हुए महत्वपूर्ण घटनाक्रम

UWW ने 25 अप्रैल 2024 को चेतावनी दी कि यदि WFI की स्वायत्तता में बाहरी हस्तक्षेप हुआ तो इसे दोबारा निलंबित किया जा सकता है, जिससे भारतीय पहलवानों की वैश्विक प्रतियोगिताओं में भागीदारी प्रभावित हो सकती है।

16 अगस्त 2024 को दिल्ली हाईकोर्ट ने Ad-hoc Committee को बहाल कर दिया लेकिन भविष्य में निलंबन की समीक्षा की संभावना भी जताई।

23 अक्टूबर 2024 को WFI ने मंत्रालय से निलंबन हटाने का अनुरोध किया।

8 जनवरी 2025 को WFI ने मंत्रालय को अपनी सुधारात्मक कदमों की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी, जिसमें शामिल थे:

Athelete Commission का गठन एवं उसे मतदान का अधिकार।

Ethics Commission की स्थापना।

WFI के पंजीकृत कार्यालय का स्थानांतरण।

खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए Internal Complaints Committee (ICC) का गठन।

IOA ने अपने हलफनामे में पुनः पुष्टि की कि WFI, जो UWW से affiliated है, उसे स्वतंत्र रूप से कार्य करना होगा और UWW या IOC Ad-hoc committee को मान्यता नहीं देंगे।

Spot Verification और High Court की टिप्पणियाँ

मीडिया रिपोर्टों में WFI के नए कार्यालय को लेकर संदेह जताया गया, जिसके बाद Spot Verification Committee ने इसकी पुष्टि की कि WFI अब पश्चिम विनोद नगर, दिल्ली में स्थित है।

दिल्ली हाईकोर्ट (6 मार्च 2025) ने उल्लेख किया कि WFI के suspension और ad-hoc committee की बहाली न होने के कारण Senior Asian Championship (मार्च 2025) के लिए पहलवानों के चयन हेतु कोई competent body मौजूद नहीं है। इससे विश्व चैंपियनशिप में भी पहलवानों की भागीदारी प्रभावित होगी।

न्यायालय ने जोर देकर कहा कि लगातार निलंबन से भारतीय पहलवानों की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

निलंबन क्यों हटाया गया?

मंत्रालय ने निम्नलिखित कारणों को ध्यान में रखते हुए WFI का निलंबन हटाने का निर्णय लिया:

Spot Verification Committee की रिपोर्ट।

WFI द्वारा लागू किए गए सुधारात्मक कदम।

दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा कुश्ती प्रशासन में governance void को लेकर जताई गई चिंता।

भारतीय पहलवानों की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में निरंतर भागीदारी सुनिश्चित करना।

मंत्रालय ने WFI को राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF) के रूप में मान्यता बहाल करने का निर्णय लिया।

निलंबन हटाने की शर्तें

प्रशासनिक सुधार: WFI को अपने निलंबन के दौरान किए गए सभी संशोधनों को वापस लेना होगा और 4 सप्ताह के भीतर निर्णय प्रक्रिया में संतुलन सुनिश्चित करना होगा।

बाहरी हस्तक्षेप से बचाव: कोई भी गैर-निर्वाचित व्यक्ति या निलंबित पदाधिकारी WFI के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करेगा। कार्यकारिणी समिति को 4 सप्ताह के भीतर इसकी पुष्टि करनी होगी।

पारदर्शी चयन प्रक्रिया: WFI को सभी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए निष्पक्ष चयन प्रक्रिया अपनानी होगी, जिसमें Sports Code और UWW के नियमों का पालन किया जाएगा। मंत्रालय ने हाल ही में NSFs को Fair Trials सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कैमरा/CCTV की व्यवस्था और Government Observer की उपस्थिति अनिवार्य की गई है।

सुशासन एवं खिलाड़ी हितों की सुरक्षा: WFI को खेल प्रशासन के सभी मानकों, नैतिक सिद्धांतों और खिलाड़ी सुरक्षा नीतियों का कड़ाई से पालन करना होगा।

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