प्रो कबड्डी में खेलने के लक्ष्य के साथ हरियाणा के लड़कों ने अपना खिताब बरकरार रखा -

प्रो कबड्डी में खेलने के लक्ष्य के साथ हरियाणा के लड़कों ने अपना खिताब बरकरार रखा

Share us on
129 Views

खेल टुडे ब्यूरो

राजगीर: बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के इंडोर हॉल में चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स के अंडर-18 (लड़कों) के कबड्डी फाइनल में हरियाणा ने महाराष्ट्र को 39-28 के अंतर से हराकर अपना दबदबा बनाए रखा।जून 2023 से नेशनल सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस(एनसीओई) गांधीनगर में प्रशिक्षण ले रहे कप्तान जय हिंद लाथर के नेतृत्व में हरियाणा ने महाराष्ट्र को 39-28 के अंतर से हराया।

रेडर प्रिंस दहिया, ईशांत और निखिल हरियाणा के लिए सबसे मूल्यवान खिलाड़ी थे, जिन्होंने अपनी मजबूत रेड के साथ कई अंक हासिल किए।

हरियाणा के लड़कों ने अपनी कबड्डी टीम का खिताब बचाने की शुरुआत 58-31 की शानदार जीत के साथ की। इसके बाद, हरियाणा ने आंध्र प्रदेश को 37-28 और छत्तीसगढ़ को 55-30 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। फिर उन्होंने राजस्थान को 40-38 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया।

राज्य में प्रो कबड्डी लीग के आयोजन की लोकप्रियता के कारण हरियाणा का इस खेल में दबदबा है, जिसमें हरियाणा के कई खिलाड़ी हैं। हरियाणा के कप्तान जय हिंद कहते हैं, “मैं हरियाणा के प्रो कबड्डी सितारे परदीप नरवाल, दीपक निवास हुड्डा, मोहित चिल्लर और मोनू गोयत से बहुत प्रेरित हूँ और मेरी इच्छा देश के लिए मेडल लाने की है।”

जय हिंद ने बताया, “चाहे मैं हूँ या बाक़ी और सभी बच्चे, सभी ने इन सितारों को देखकर ही कबड्डी को करियर के रूप में अपनाने के लिए कदम बढ़ाया है । उन्होंने देश के लिए कई मेडल जीते हैं, जो हमें विश्वास दिलाता है कि अगर हम कड़ी मेहनत करते हैं तो हम भी ऐसा कर सकते हैं। हम बिहार में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में स्वर्ण जीतने ही आय हैं । खेलो इंडिया एथलीटों के लिए अपनी प्रतिभा और कौशल दिखाने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण मंच है।”

18 वर्षीय जय हिंद ने कहते हैं, “भारत सरकार खेलों के लिए बहुत कुछ कर रही है। हमें एनसीओई गांधीनगर में कोचिंग, प्रशिक्षण सुविधाएं, खेल किट, बोर्डिंग और लॉजिंग मिलती है। इससे मेरे जैसे एथलीटों को अपने प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।” जय हिन्द के पिता बीजेंद्र लाथर जगलान जींद जिले के लाजवाना गांव में किसान हैं।

भारतीय टीम ने 2022 एशियाई खेलों में हांगझोउ में स्वर्ण पदक जीता था, जिसमें हरियाणा के चार खिलाड़ी – पर्वेश भैसवाल, नवीन कुमार, सुनील कुमार और नितिन रावल शामिल थे। 2018 जकार्ता-पलेमबंग एशियाई खेलों में, छह खिलाड़ी कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम का हिस्सा थे, जिनमें मोनू गोयत, रोहित कुमार, परदीप नरवाल, संदीप नरवाल, दीपक निवास हुड्डा और मोहित चिल्लर शामिल थे।

एक अन्य खिलाड़ी निखिल गुलिया जो पानीपत जिले के गुडसम गांव से है, अप्रैल 2024 से जयपुर के साई सेंटर में प्रशिक्षण ले रहे हैं और पिछले साल हरियाणा की अंडर-19 स्वर्ण पदक विजेता एसजीएफ़आई टीम का हिस्सा रह चुके हैं बताते हैं “प्रो कबड्डी देखकर मुझे प्रेरणा मिलती है। परदीप नरवाल, राहुल चौधरी जैसे खिलाड़ियों ने ही हमें प्रेरित किया है। मेरा सपना है कि मैं भारत का प्रतिनिधित्व करूं और प्रो कबड्डी में अपनी पहचान बनाऊं।”

हरियाणा के मुख्य कोच नरिंदर राणा ने कहा कि राज्य ने पारंपरिक रूप से बॉक्सिंग और कुश्ती जैसे खेलों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन सरकार की पहल ,खेलो इंडिया जैसे मंच और प्रो कबड्डी लीग की लोकप्रियता ही कबड्डी की हाल ही सफलता के पीछे का कारण है ।

राणा ने बताया,”हरियाणा हमेशा से खेलों में आगे रहा है। हरियाणा राज्य विभाग की नीतियां सबसे अलग हैं और इससे राज्य में खेलों के विकास में मदद मिली है। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हमेशा हमारे खिलाड़ियों का समर्थन किया है और हमारी राष्ट्रीय टीम में 50-60% खिलाड़ी हरियाणा से हैं। वे प्रो कबड्डी लीग की प्रत्येक फ्रेंचाइजी में बड़ी संख्या में मौजूद हैं। कबड्डी खिलाड़ियों को खेलो इंडिया और विभिन्न साई केंद्रों और एनसीओई के माध्यम से अच्छा समर्थन मिल रहा है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published.