इंदिरा गांधी के आदेश पर मजबूरी में बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे साल्वे, चुनाव में अपने दोस्त बैरिस्टर वानखेडे को हराकर नहीं हुए थे खुश -
PokerBaazi launches its new brand campaign ‘Tu Poker Khelta Hai Kya?’ featuring Shahid Kapoor. सीवीएस ने स्वामी दयानंद सरस्वती डे-नाइट टी-20 इंटर कॉलेज क्रिकेट में जाकिर हुसैन कॉलेज को 6 विकेट से हराया। एआरएसडी कॉलेज ने स्वामी दयानंद सरस्वती डे-नाइट टी-20 इंटर कॉलेज पीजीडीएवी (सांध्य) को तीन विकेट से हराया। India women go down to China, finish second in Group A. Rohit to lead India in ICC Men’s T20 World Cup 2024, Rishabh Pant and Sanju Samson are back. India Squad: Rohit Sharma (Captain), Hardik Pandya (Vice Captain), Yashasvi Jaiswal, Virat Kohli, Suryakumar Yadav, Rishabh Pant (WK), Sanju Samson (WK), Shivam Dube, Ravindra Jadeja, Axar Patel, Kuldeep Yadav, Yuzvendra Chahal, Arshdeep Singh, Jasprit Bumrah, Mohd. Siraj. Reserves – Shubman Gill, Rinku Singh, Khaleel Ahmed and Avesh Khan. .पीजीडीएवी ए टीम ने दूसरे स्वामी दयानंद सरस्वती डे-नाइट टी-20 इंटर कॉलेज क्रिकेट टूर्नामेंट में सेंट स्टीफंस कॉलेज को दस विकेट से हराया। Rory and Lowry win in New Orleans. Muthoot Finance to sponsor Royal Football Club for Delhi Soccer Association league 2023-24 . वीरेंद्र नानावटी को एशिया एक्वेटिक्स के पहले उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया। Diksha shoots under par to finish in Top-25 in South African Women’s Open . श्रेष्ठ यादव के तूफानी शतक से पीजीडीएवी कॉलेज 233 रनों से जीता।

इंदिरा गांधी के आदेश पर मजबूरी में बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे साल्वे, चुनाव में अपने दोस्त बैरिस्टर वानखेडे को हराकर नहीं हुए थे खुश

Share us on
2,288 Views

 

एनकेपी साल्वे

राकेश थपलियाल

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष बनने के लिए पूर्व खिलाड़ियों, क्रिकेट प्रशासकों और राजनेताओं द्वारा जिस तरह से हर संभव जोड़-तोड़ की जाती रही है उसके बीच वर्ष 1982 का एक अनूठा उदाहरण ऐसा भी है जिसमें एक केन्द्रीय मंत्री ने देश के प्रधानमंत्री को बीसीसीआई का अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से मना कर दिया और एक अन्य केन्द्रीय मंत्री अपनी इच्छा के विपरीत चुनाव में अपने ही दोस्त को हराकर बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एनकेपी साल्वे ने यह किस्सा सुनाया था। यह 1982 की बात है, उस समय बैरिस्टर एस के वनखेडे बीसीसीआई के अध्यक्ष थे। देश की प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी ने तब के केन्द्रीय मंत्री प्रणव मुखर्जी को बीसीसीआई अध्यक्ष का चुनाव लड़ने को कहा। इस पर प्रणव मुखर्जी ने श्रीमति गांधी से कहा, ‘मेरी क्रिकेट में दिलचस्पी नहीं है आप एनकेपी साल्वे को यह चुनाव लड़ने को कह दो, वह खिलाड़ी और अंपायर भी रहे हैं और  क्रिकेट प्रशासन का अनुभव भी रखते हैं।’

             बैरिस्टर एस के वनखेडे

इसके बाद श्रीमति गांधी ने अपना फरमान सुना दिया, मेरे पास कोई विकल्प नहीं था। वानखेडे मेरे अच्छे  मित्र थे, पर मेरे पास कोई चारा नहीं था। मैं उनके पास गया और उन्हें बताया कि मेरी तो इच्छा नहीं थी पर श्रीमति गांधी चाहती हैं कि मैं बीसीसीआई अध्यक्ष का चुनाव लड़ू। इस पर वानखेडे ने कहा, ठीक है हम दोनों दोस्त की तरह से चुनाव लड़ेंगे फिर जीत किसी की भी हो। लेकिन मैं जानता था कि वानखेडे जीत नहीं पाएंगे और हुआ भी ऐसा ही। मैं इस जीत से बहुत खुश नहीं हो पाया था।
एनकेपी साल्वे 1983 में भारत की जीत के गवाह बने थे। फाइनल से एक दिन पूर्व उन्होंने कुछ कंप्लीमेंटरी टिकट मांगे पर इंग्लैंड वालों ने मना कर दिया। इस पर उन्होंने कुछ टिकट खरीदने की बात की पर उन्हें इसके लिए भी मना कर दिया। उस दिन साल्वे ने ठान लिया कि अगला विश्व कप भारत में कराने का अभियान छेड़ा जाएगा। उन्होंने इस बारे में श्रीमति गांधी से बात की और उनकी हां के बाद तेजी से कदम बढ़ा दिए और अगले ही वर्ष यह तय हो गया कि चौथा विश्व कप इंग्लैंड से बाहर होगा। इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया की वीटो पावर खत्म हुई और 1987 में भारत -पाकिस्तान की संयुक्त मेजबानी में विश्व कप आयोजित किया गया।

 

विज्ञापन

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.